सेहतमंद रहने के लिए बस 10 मिनट पैदल चल लेना भी काफ़ी लाभदायक है... जानिए

10 मिनट चलने से सेहत को 10 लाभ


सेहतमंद रहने के लिए बस 10 मिनट पैदल चल लेना भी काफ़ी लाभदायक है... जानिए
टहलना उन सभी लोगों के लिए शारीरिक गतिविधि बनाए रखने का एक अच्छा तरीका है जिनका वजन अधिक है, जो बुजुर्ग हैं या फिर जिन्होंने लंबे समय से व्यायाम नहीं किया है। सुस्त जीवनशैली स्ट्रोक या दिल के दौरे के लिए जिम्मेदार हो सकती है। पांच मिनट से शुरुआत कर प्रत्येक सप्ताह 75 मिनट यानी प्रतिदिन 10-11 मिनट टहलना एक अच्छी शुरुआत हो सकती है। पैदल चलने से सेहत को कौन-से 10 फ़ायदे हो सकते हैं आइए जानते हैं।

1. संतुलन सुधरता है :

अगर हम चलने का अभ्यास करते हैं तो हम अपने पैरों को मजबूत करते हैं। हमारी चाल और संतुलन जितना बेहतर होगा, हमारे गिरने की आशंका उतनी ही कम होगी और हमारे चलते रहने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। जब शारीरिक स्वास्थ्य की बात आती है, तो हम 'यूज इट और लूज इट' कहावत को चरितार्थ करते हैं यानी 'उपयोग करो या खो दो।' नियमित रूप से टहलने को इसी कहावत के संदर्भ में देखा जा सकता है।

2. जोड़ों के दर्द में कमी :

शारीरिक गतिविधि बंद करने से शरीर में कई तरह के दर्द बढ़ जाते हैं। जब मांसपेशियों, लिगामेंट, टेंडन और फ़ैसकिया का उपयोग नहीं किया जाता है, तो वे तंग हो जाते हैं। इनका जितना कम उपयोग किया जाता है, वे उतने ही सख्त हो जाते हैं और उस जकड़न के कारण बहुत दर्द होता है, खासकर पीठ के निचले हिस्से और जोड़ों में। पैदल चलने से शरीर पीड़ामुक्त और लचीला बना रहता है।

3. दिल सेहतमंद बनता है :

पैदल चलने से ब्लड प्रेशर कम होता है, ब्लड शुगर नियंत्रित रहती है और कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इसके अलावा ये टाइप-2 मधुमेह के लिए सभी जोख़िमों को कम करता है। टहलना रक्त संचार में सुधार करता है जिससे ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर कम होकर दिल पर पड़ने वाला अनावश्यक दबाव या तनाव भी कम हो जाता है।

4. नींद में सुधार आता है :

नियमित रूप से प्रातः टहलने से नींद बेहतर आती है। यह दिमाग़ को शांत करने और शरीर में संगृहीत ऊर्जा का उपयोग करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह शरीर को पूरे दिन सक्रिय रहने में मदद करता है। नतीजतन, रात में अच्छी नींद ले सकते हैं। यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो रात में अच्छी नींद आएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि शारीरिक गतिविधि स्वाभाविक रूप से नींद के हॉर्मोन मेलाटोनिन के प्रभाव को बढ़ाती है।

5. फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है :

जब हम व्यायाम करते हैं तो हमारे शरीर को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसका मतलब है कि हमारे फेफड़ों को सांस की गहरा और तेज करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। हम अपनी मांसपेशियों का जितना अधिक इस्तेमाल करते हैं, वे उतनी ही मजबूत होती जाती हैं। इसीलिए नियमित रूप से चलने से हमारे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।

6. एकाग्रता बढ़ती है :

टहलना एकाग्रता और ध्यान में सुधार करने में सहायक है। व्यायाम बीडीएनएफ यानी ब्रेन डिराइव्ड न्यूरोट्रैफिक फैक्टर के स्तर को बढ़ाता है। बीडीएनएफ को न्यूरॉन्स के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जाना जाता है। शोध से पता चला है कि केवल 10 मिनट टहलना आपकी मनोदशा यानी मूड को बेहतर बना सकता है।

7. अवसाद में कमी आती है :

टहलने से मस्तिष्क से एंडोर्फिन यानी फील-गुड का रसायन स्त्रावित होता है। जब हमारे शरीर में प्राकृतिक दर्दनिवारक या तनाव को संतुलित करने वाले हॉर्मोन एंडोर्फिन का उत्पादन ठीक से नहीं होता है तो यह अवसाद का कारण बन सकता है। हर दिन 10 मिनट की सुबह की चहलकदमी शरीर में एंडोर्फिन के स्रावित होने और इसके उचित प्रवाह में मदद कर सकती है। यह व्यक्ति को ऊर्जावान, सकारात्मक और आनंदमय बनाकर अवसाद, चिंता, घबराहट दूर करने में मददगार है।

8. पाचन तंत्र सक्रिय होता है :

जब भी आप टहलना शुरू करते हैं, तो आंतें भी हिलने लगती हैं। चलने के लिए आपको पेट की मांसपेशियों का उपयोग करने की भी आवश्यकता होती है। इसलिए यदि आप नियमित रूप से तेज गति से चलते हैं तो इन मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम हो जाता है। यह मलत्याग को और बेहतर बनाता है। पाचन में सुधार के लिए पेट साफ़ रहना बहुत महत्वपूर्ण है।

9. वज़न संतुलित होता है :

औसतन, हर 10 मिनट तेज चलने से हम लगभग 50 कैलोरी बर्न करते हैं। हालांकि ये वजन पर भी निर्भर करता है। नियमित रूप से टहलने से चर्बी कम करने में मदद मिलती है। रोजाना टहलना अतिरिक्त कैलोरी जलाकर और मांसपेशियों की हानि को रोककर चयापचय को बढ़ाता है, जो बढ़ती उम्र में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

10. तनाव कम होता है :

चलने से मस्तिष्क में एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है और हमारी लंबी सांस लेने की क्षमता बढ़ती है। ये दोनों लाभ मन और शरीर को तनाव मुक्त करने में भी हमारी मदद करते हैं। किसी भी तरह का व्यायाम हमारे कॉर्टिसोल के स्तर को गिरा देता है, जिसे स्ट्रेस हॉर्मोन भी कहा जाता है।

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